Wednesday, May 25, 2022

 





प्रेम खरीदे कोई ना, प्रेम ना मोल बिकाये 

प्रेम है सीप का मोती जो , सागर ने लिया छुपाये। 


मंथन कर लो तर्क से या करो कोई प्रयास

प्रेम न जाने बोल कोई ,प्रेम है बस विश्वास !


सतही भाव बनावटी हर प्राणी के पास 

प्रेम दिया मिटाये भ्रम और करे प्रभास।