प्रेम खरीदे कोई ना, प्रेम ना मोल बिकाये
प्रेम है सीप का मोती जो , सागर ने लिया छुपाये।
मंथन कर लो तर्क से या करो कोई प्रयास
प्रेम न जाने बोल कोई ,प्रेम है बस विश्वास !
सतही भाव बनावटी हर प्राणी के पास
प्रेम दिया मिटाये भ्रम और करे प्रभास।